पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड – ज़रूरी मंजूरियों का समय भी 30 जून 2020 तक बढ़ाया था और अब इन मंजूरियों की मियाद और बढ़ाते हुए 31 मार्च 2021 तक कर दी है

कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा महामारी के दौरान उद्योगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने हेतु बड़ी छूटों का ऐलान
पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड द्वारा बिना निरीक्षण के मंज़ूरी की मियाद बढ़ाने सहित विस्तृत हिदायतें जारी
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम इन मुश्किलों भरी स्थितियों में कानूनी मंजूरियां हासिल करने की प्रक्रिया को और आसान करने के आदेश के साथ किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इन छूटों से मौजूदा महामारी के समय के दौरान निवेशकों को राज्य में निर्विघ्न निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।                                                 
न्यूज पंजाब
चंडीगढ़, 24 जुलाई: कोविड महामारी के चलते राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार द्वारा उद्योगों के लिए पंजाब में कई तरह की छूटों का ऐलान किया गया है जिसमें बिना निरीक्षण के कानूनी मंज़ूरियों की मियाद बढ़ाना भी शामिल है। मुख्यमंत्री के आदेशों पर पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड द्वारा अपनी 184वीं मीटिंग में इस सम्बन्धी विस्तृत हिदायतें जारी की गईं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह कदम इन मुश्किलों भरी स्थितियों में कानूनी मंजूरियां हासिल करने की प्रक्रिया को और आसान करने के आदेश के साथ किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि इन छूटों से मौजूदा महामारी के समय के दौरान निवेशकों को राज्य में निर्विघ्न निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
पंजाब प्रदूषण रोकथाम बोर्ड के चेयरमैन प्रो. एस.एस. मरवाहा ने कहा कि कोविड संकट के मद्देनजऱ स्थापना /चलाने की सहमति की मियाद, अधिकार, रजिस्ट्रेशन और कोई अन्य ज़रूरी मंजूरियों का समय भी 30 जून 2020 तक बढ़ाया था और अब इन मंजूरियों की मियाद और बढ़ाते हुए 31 मार्च 2021 तक कर दी है। इसलिए सिफऱ् कुछ शर्तों सहित आवेदन देना होगा और बोर्ड की तरफ से कोई निरीक्षण नहीं किया जायेगा।
प्रो. मरवाहा ने कहा कि वातावरण सम्बन्धी नियमों की भागीदार रेगुलेटरी पालना को यकीनी बनाने के लिए बोर्ड की सहमति के बिना चल रहे उद्योगों को स्वैच्छिकप्रगटावा स्कीम (वी.डी.एस.) अधीन मंजूरियां लेने के लिए आवेदन देने के लिए समय 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर 2018 से पहले सहमति फीस जमा करवाने और एक मुश्त अनुमानित फीस 5000 रुपए का भुगतान करने के लिए छूट के साथ ऐसा कर सकते हैं।
इसके अलावा वाटर एक्ट, 1974 अधीन सहमति प्राप्त करने के लिए ईंटों के भट्टों की सुविधा के लिए उनके मालिकों को 1 नवंबर 2018 से पहले वाली सहमति फीस जमा करवाने से छूट दे दी है।
इसी दौरान विज्ञान, प्रौद्यौगिकी और वातावरण के प्रमुख सचिव अलोक शेखर ने कहा कि यह पहलकदमियां उद्योगों को उनकी रेगुलेटरी पालना को पूरा करने में बड़ी सहायता प्रदान करेंगी और इस कठिन समय में छोटे उद्योगों की नियमित व्यवस्था को बढ़ाएंगे।
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