GST-पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन के लिए समय सीमा का विस्तार और पिछले मामलों के लिए एकमुश्त माफी -पंजाब को जून 2022 के बकाया जीएसटी मुआवजा 995 करोड़ रुपये

जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक की सिफारिशें

भारत सरकार जून 2022 के लिए 16,982 करोड़ रुपये के संपूर्ण लंबित बकाया जीएसटी मुआवजे का भुगतान करेगी

जीएसटी परिषद ने कुछ संशोधनों के साथ जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को स्वीकार किया

जीएसटी के तहत कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधारित कराधान और विशेष संरचना योजना से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को मंजूरी

“रब” और पेंसिल शार्पनर की जीएसटी दरों में बदलाव

जीएसटी परिषद की 49वीं बैठक आज नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री श्री पंकज चौधरी के अलावा विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों (विधायिका के साथ) के वित्त मंत्रियों और वित्त मंत्रालय एवं राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

जीएसटी परिषद ने, अन्य बातों के साथ-साथ जीएसटी मुआवजा, जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण, जीएसटी के तहत कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधारित कराधान और विशेष संरचना योजना से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट की मंजूरी, वस्तु एवं सेवाओं से संबंधित जीएसटी दरों से जुड़ी सिफारिशों और व्यापार की सुविधा के लिए अन्य उपायों के बारे में निम्नलिखित सिफारिशें की हैं:

जीएसटी मुआवजा

  1. भारत सरकार ने जून 2022 के लिए 16,982 करोड़ रुपये के पूरे लंबित जीएसटी मुआवजे, जैसा कि नीचे दी गई तालिका में दिखाया गया है, को चुकाने का फैसला किया है। चूंकि जीएसटी मुआवजा कोष में कोई राशि उपलब्ध नहीं है, केन्द्र ने इस राशि को अपने संसाधनों से जारी करने का फैसला किया है और इसे भविष्य के मुआवजा उपकर संग्रह से वसूल किया जाएगा। इस राशि को जारी करने के साथ, केन्द्र सरकार जीएसटी (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम 2017 में परिकल्पित पांच वर्षों के लिए अस्थायी रूप से स्वीकार्य संपूर्ण मुआवजे को मंजूरी दे देगा। इसके अलावा, केन्द्र उन राज्यों के लिए स्वीकार्य 16,524 करोड़ रुपये के अंतिम जीएसटी मुआवजे को भी मंजूरी देगा, जिन्होंने राज्यों के महालेखाकार द्वारा प्रमाणित राजस्व के आंकड़े प्रदान किए हैं।
क्र.सं. राज्य/केन्द्र-शासित प्रदेश का नाम जून 2022 के लिए बकाया जीएसटी मुआवजा (करोड़ रुपये में)
1 आंध्र प्रदेश 689
2 बिहार 92
3 छत्तीसगढ़ 505
4 दिल्ली 1212
5 गोवा 120
6 गुजरात 865
7 हरियाणा 629
8 हिमाचल प्रदेश 229
9 जम्मू एवं  कश्मीर 210
10 झारखंड 342
11 कर्नाटक 1934
12 केरल 780
13 मध्य प्रदेश 730
14 महाराष्ट्र 2102
15 ओडिशा 529
16 पुडूचेरी 73
17 पंजाब 995
18 राजस्थान 815
19 तमिलनाडु 1201
20
तेलंगाना
548
21 उत्तर प्रदेश 1215
22 उत्तराखंड 345
23 पश्चिम बंगाल 823
कुल 16,982

 

    1. जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण

परिषद ने कुछ संशोधनों के साथ मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। जीएसटी कानूनों में अंतिम मसौदा संशोधन सदस्यों को उनकी टिप्पणियों के लिए जारी किया जाएगा। इसे अंतिम रूप देने के लिए अध्यक्ष को अधिकृत किया गया है।

    1. जीएसटी के तहत कुछ क्षेत्रों में क्षमता आधारित कराधान और विशेष संरचना योजना से संबंधित मंत्रियों के समूह (जीओएम) की रिपोर्ट को मंजूरी:

राजस्व में हानि को रोकने और पान मसाला, गुटखा, चबाने वाले तम्बाकू जैसी वस्तुओं से राजस्व संग्रह को बेहतर करने हेतु, परिषद ने जीओएम की सिफारिशों को मंजूरी दे दी, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ,

    • क्षमता आधारित लेवी निर्धारित नहीं की जानी चाहिए;
    • हानि/अपवंचन को रोकने के लिए किए जाने वाले अनुपालन और निगरानी संबंधी उपाय;
    • संचित आईटीसी के परिणामी रिफंड के साथ केवल एलयूटी के विरुद्ध ऐसी वस्तुओं के निर्यात की अनुमति दी जाए;
    • राजस्व के पहले चरण के संग्रह को बढ़ावा देने के लिए ऐसी वस्तुओं पर लगाए गए क्षतिपूर्ति उपकर को मूल्यानुसार से विशिष्ट कर आधारित लेवी में बदला जाएगा।

 

    1. वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी दरों से संबंधित सिफारिशें
  1. वस्तुओं और सेवाओं की जीएसटी दरों में बदलाव

 

क्र.सं. विवरण से तक
वस्तुएं
1. ‘रब’ 18% 5% – यदि पैक करके और लेबल लगाकर बेचा जाता है

शून्य – यदि अन्यथा बेचा जाता है

2. पेंसिल शार्पनर 18% 12%

वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित अन्य परिवर्तन

  1. इसके वर्गीकरण और लागू जीएसटी दर पर वास्तविक संदेह के कारण पिछली अवधि के दौरान ‘रब’ पर जीएसटी के भुगतान को “जैसा है आधार” पर नियमित करने का निर्णय लिया गया है।
  2. अधिसूचना संख्या 104/94-सीमा शुल्क दिनांक 16.03.1994 को उपयुक्त रूप से संशोधित करने का निर्णय लिया गया ताकि यदि टैग-ट्रैकिंग डिवाइस या डेटा लॉगर जैसी डिवाइस पहले से ही एक कंटेनर पर चिपका दी गई हो, तो इस तरह के चिपकाए गए डिवाइस पर अलग से कोई आईजीएसटी नहीं लगाया जाएगा। और अधिसूचना संख्या 104/94-सीमा शुल्क के तहत कंटेनरों के लिए उपलब्ध ‘शून्य’ आईजीएसटी उपचार मौजूदा शर्तों के अधीन ऐसे चिपकाए गए उपकरण के लिए भी उपलब्ध होगा।
  3. अधिसूचना सं. 1/2017-मुआवजा उपकर (दर) की क्र.सं. 41ए की प्रविष्टि में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है ताकि छूट का लाभ कोयला वाशरी को और उसके द्वारा आपूर्ति किए गए कोयले के रिजेक्ट दोनों को कवर करे, जो कोयले से उत्पन्न होता है, जिस पर मुआवजा उपकर का भुगतान किया गया है और इस प्रकार कोई इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ किसी व्यक्ति द्वारा नहीं उठाया गया है।
  4. शैक्षिक संस्थानों और केंद्रीय और राज्य शैक्षिक बोर्डों को प्रवेश परीक्षा आयोजित करने के लिए उपलब्ध छूट का विस्तार किसी प्राधिकरण, बोर्ड या केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा स्थापित निकाय, जिसमें प्रवेश के संचालन के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी भी शामिल है, द्वारा शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षा तक करने का निर्णय लिया गया है।
  5. रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) के तहत जीएसटी के भुगतान के संबंध में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, संसद और राज्य विधानमंडलों को न्यायालयों और न्यायाधिकरणों को भी उनके द्वारा आपूर्ति की जाने वाली टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों को परिसर किराए पर देने, वकीलों को चैंबर किराए पर देने आदि जैसी कर योग्य सेवाओं के संबंध में उपलब्ध छूट का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है।
    1. व्यापार को सुगम बनाने के उपाय:
  1. पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन के लिए समय सीमा का विस्तार और पिछले मामलों के लिए एकमुश्त माफी: परिषद ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 30 और सीजीएसटी नियम, 2017 के नियम 23 में संशोधन की सिफारिश की है ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि –
    • पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन करने की समय सीमा 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन की जाए;
    • जहां पंजीकृत व्यक्ति 90 दिनों के भीतर इस तरह के निरसन के लिए आवेदन करने में विफल रहता है, उक्त समय अवधि को आयुक्त या उसके द्वारा अधिकृत अधिकारी द्वारा 180 दिनों से अधिक की अवधि के लिए बढ़ाया जा सके।

परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि पिछले मामलों में, जहां रिटर्न दाखिल न करने के कारण पंजीकरण रद्द कर दिया गया है, लेकिन पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन सीजीएसटी अधिनियम की धारा 30 के तहत निर्दिष्ट समय के भीतर दायर नहीं किया जा सका, ऐसे व्यक्तियों को कुछ शर्तों के अधीन एक निर्दिष्ट तिथि तक निरस्तीकरण के लिए इस तरह के आवेदन को दाखिल करने की अनुमति देकर माफी प्रदान की जा सकती है।

 

  1. सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 62 में संशोधन, उप-धारा (2) के तहत समयसीमा बढ़ाने और पिछले मामलों के लिए एक बार माफी: सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 62 की उप-धारा (2) के अनुसार, सर्वोत्तम निर्णय उक्त धारा की उप-धारा (1) के तहत जारी किया गया मूल्यांकन आदेश वापस लिया गया माना जाएगा यदि उक्त निर्धारण आदेश की तामील के 30 दिनों के भीतर संबंधित विवरणी दाखिल की जाती है। परिषद ने धारा 62 में संशोधन करने की सिफारिश की ताकि इस तरह के सर्वोत्तम निर्णय मूल्यांकन आदेश को वापस लेने के लिए रिटर्न दाखिल करने की समय अवधि को वर्तमान 30 दिनों से बढ़ाकर 60 दिन किया जा सके, जिसे कुछ शर्तों के अधीन और 60 दिनों तक बढ़ाया जा सके।

परिषद ने पिछले मामलों में मूल्यांकन आदेशों की सशर्त वापसी के लिए एक माफी योजना प्रदान करने की भी सिफारिश की है, जहां संबंधित रिटर्न मूल्यांकन आदेश के 30 दिनों के भीतर दाखिल नहीं किया जा सका है, लेकिन एक निर्दिष्ट तिथि तक देय ब्याज और विलंब शुल्क के साथ दायर किया गया है, भले ही मूल्यांकन आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई हो या नहीं या उक्त अपील का फैसला किया गया है या नहीं।

  1. वार्षिक रिटर्न के लिए विलंब शुल्क को तर्कसंगत बनाना: वर्तमान में, प्रति दिन 200 रुपये का विलंब शुल्क (100 रुपये सीजीएसटी + 100 एसजीएसटी), राज्य या केंद्रशासित प्रदेश में टर्नओवर का अधिकतम 0.5 प्रतिशत (0.25 प्रतिशत सीजीएसटी + एसजीएसटी के अधीन 0.25 प्रतिशत), फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के मामले में देय है। परिषद ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9 में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए, उन पंजीकृत व्यक्तियों जिनका एक वित्तीय वर्ष में कुल कारोबार 20 करोड़ रुपये तक है, के लिए इस विलंब शुल्क को निम्नानुसार तर्कसंगत बनाने की सिफारिश की है:
    • उक्त वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्ति: 50 रुपये प्रति दिन (25 रुपये सीजीएसटी + 25 एसजीएसटी), राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में उनके कारोबार का अधिकतम 0.04 प्रतिशत (0.02 प्रतिशत सीजीएसटी + 0.02 प्रतिशत एसजीएसटी) की गणना की गई राशि के अधीन।
    • उक्त वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये से अधिक और 20 करोड़ रुपये तक के कुल कारोबार वाले पंजीकृत व्यक्ति: प्रति दिन 100 रुपये (50 रुपये सीजीएसटी + 50 एसजीएसटी), राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में उनके कारोबार का अधिकतम 0.04 प्रतिशत (0.02 प्रतिशत सीजीएसटी + 0.02 प्रतिशत एसजीएसटी) की गणना की गई राशि के अधीन।
  1. फॉर्म जीएसटीआर-4, फॉर्म जीएसटीआर-9 और फॉर्म जीएसटीआर-10 में लंबित रिटर्न के संबंध में माफी: बड़ी संख्या में करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए, परिषद ने फॉर्म जीएसटीआर-4, फॉर्म जीएसटीआर-9 और फॉर्म जीएसटीआर-10 में लंबित रिटर्न के संबंध में सशर्त छूट/विलंब शुल्क में कटौती के माध्यम से माफी योजनाओं की सिफारिश की।
  1. वस्तुओं के परिवहन की सेवाओं की आपूर्ति के स्थान के प्रावधान को तर्कसंगत बनाना: परिषद ने आईजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 13(9) को हटाकर वस्तुओं के परिवहन की सेवाओं के लिए आपूर्ति के स्थान के प्रावधान को तर्कसंगत बनाने की सिफारिश की ताकि यह प्रावधान किया जा सके कि वस्तुओं के परिवहन की सेवाओं की आपूर्ति का स्थान, ऐसे मामलों में जहां सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का स्थान या सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान भारत के बाहर है, सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान होगा।

नोट: इस विज्ञप्ति में जीएसटी परिषद की सिफारिशों को हितधारकों की जानकारी के लिए सरल भाषा में निर्णयों की प्रमुख मदों के साथ प्रस्तुत किया गया है। इसे प्रासंगिक परिपत्रों/अधिसूचनाओं/कानून संशोधनों के माध्यम से प्रभावी किया जाएगा जिसमें ही केवल कानून की शक्ति निहित होगी।

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Recommendations of 49th GST Council Meeting

Government of India to clear entire pending balance GST compensation of Rs. 16,982 crore for June’2022

GST Council adopts report of Group of Ministers (GoM) on GST Appellate Tribunal with certain modifications

GoM report on Capacity Based Taxation and Special Composition Scheme in certain Sectors on GST approved

Changes in GST rates of “Rab” and Pencil Sharpner

The 49th GST Council met under the Chairpersonship of Union Minister for Finance & Corporate Affairs Smt. Nirmala Sitharaman in New Delhi today. The meeting was also attended by Union Minister of State for Finance Shri Pankaj Chaudhary besides Finance Ministers of States & UTs (with legislature) and senior officers of the Ministry of Finance & States/ UTs.

The GST Council has, inter-alia, made the following recommendations relating to GST compensation, GST Appellate Tribunal, approval of the Report of Group of Ministers (GoM) on Capacity Based Taxation and Special Composition Scheme in certain Sectors on GST, recommendations relating to GST rates on Goods and Services and other measures for facilitation of trade:

GST Compensation

  1. Government of India has decided to clear the entire pending balance GST compensation of Rs. 16,982 crore for June’2022 as shown in the table below. Since, there is no amount in the GST compensation Fund, Centre decided to release this amount from its own resources and the same will be recouped from the future compensation cess collection. With this release, Centre would clear the entire provisionally admissible compensation due for five years as envisaged in the GST (Compensation to States) Act’2017. In addition, Centre would also clear the admissible final GST compensation to those States who has provided the revenue figures as certified by the Accountant General of the States amounting to Rs. 16,524 crore.

 

S. No. Name of State/UT Balance GST compensation pending for June’2022 (Rs. In crore)
1 Andhra Pradesh 689
2 Bihar 92
3 Chhattisgarh 505
4 Delhi 1212
5 Goa 120
6 Gujarat 865
7 Haryana 629
8 Himachal Pradesh 229
0 Jammu and Kashmir 210
10 Jharkhand 342
11 Karnataka 1934
12 Kerala 780
13 Madhya Pradesh 730
14 Maharashtra 2102
15 Odisha 529
16 Puducherry 73
17 Punjab 995
18 Rajasthan 815
19 Tamil Nadu 1201
20 Telangana 548
21 Uttar Pradesh 1215
22 Uttarakhand 345
23 West Bengal 823
Total 16,982

 

    1. GST Appellate Tribunal

The Council adopted the report of Group of Ministers with certain modifications. The final draft amendments to the GST laws shall be circulated to Members for their comments. The Chairperson has been authorised to finalise the same.

    1. Approval of the Report of GoM on Capacity Based Taxation and Special Composition Scheme in certain Sectors on GST:

With a view to plug the leakages and improve the revenue collection from the commodities like pan masala, gutkha, chewing tobacco, the Council approved the recommendations of the GoM including, inter alia, that

    • the capacity based levy not to be prescribed;
    • compliance and tracking measures to be taken to plug leakages/evasions;
    • exports of such commodities to be allowed only against LUT with consequential refund of accumulated ITC;
    • compensation cess levied on such commodities to be changed from ad valorem to specific tax based levy to boost the first stage collection of the revenue

 

    1. Recommendations relating to GST rates on Goods and Services
  1. Changes in GST rates of Goods and Services

 

Sr. No. Description From To
Goods
1. ‘Rab’ 18% 5% – if sold prepackaged and labelled

Nil – if sold otherwise

2. Pencil Sharpener 18% 12%

Other changes relating to Goods and Services

  1. It has been decided to regularize payment of GST on ‘rab’ during the past period on “as is basis” on account of genuine doubts over its classification and applicable GST rate.
  2. It was decided to suitably amend notification No. 104/94-Customs dated 16.03.1994 so that if a device like tag- tracking device or data logger is already affixed on a container, no separate IGST shall be levied on such affixed device and the ‘nil’ IGST treatment available for the containers under notification No. 104/94-Customs shall also be available to the such affixed device subject to the existing conditions.
  3. It has been decided to amend entry at Sl. No. 41A of notification No. 1/2017-Compensation Cess (Rate) so that exemption benefit covers both coal rejects supplied to and by a coal washery, arising out of coal on which compensation cess has been paid and no input tax credit thereof has been availed by any person.
  4. It has been decided to extend the exemption available to educational institutions and Central and State educational boards for conduct of entrance examination to any authority, board or a body set up by the Central Government or State Government including National Testing Agency for conduct of entrance examination for admission to educational institutions.
  5. It has been decided to extend the dispensation available to Central Government, State Governments, Parliament and State Legislatures with regard to payment of GST under reverse charge mechanism (RCM) to the Courts and Tribunals also in respect of taxable services supplied by them such as renting of premises to telecommunication companies for installation of towers, renting of chamber to lawyers etc.
    1. Measures for facilitation of trade:
  1. Extension of time limit for application for revocation of cancellation of registration and one time amnesty for past cases: The Council has recommended amendment in section 30 of CGST Act, 2017 and rule 23 of CGST Rules, 2017 so as to provide that –
    • the time limit for making an application for revocation of cancellation of registration be increased from 30 days to 90 days;
    • where the registered person fails to apply for such revocation within 90 days, the said time period may be extended by the Commissioner or an officer authorised by him in this behalf for a further period not exceeding 180 days.

The Council has also recommended that an amnesty may be provided in the past cases, where registration has been cancelled on account of non-filing of the returns, but application for revocation of cancellation of registration could not be filed within the time specified in section 30 of CGST Act, by allowing such persons to file such application for revocation by a specified date, subject to certain conditions.

 

  1. Amendment to Section 62 of CGST Act, 2017 to extend timelines under sub-section (2) thereof and one time amnesty for past cases: As per sub-section (2) of section 62 of CGST Act, 2017, the best judgment assessment order issued under sub-section (1) of the said section is deemed to be withdrawn if the relevant return is filed within 30 days of service of the said assessment order. The Council recommended to amend section 62 so as to increase the time period for filing of return for enabling deemed withdrawal of such best judgment assessment order, from the present 30 days to 60 days, extendable by another 60 days, subject to certain conditions.

 

The Council has also recommended to provide an amnesty scheme for conditional deemed withdrawal of assessment orders in past cases where the concerned return could not be filed within 30 days of the assessment order but has been filed along with due interest and late fee upto a specified date, irrespective of whether appeal has been filed or not against the assessment order, or whether the said appeal has been decided or not.

 

  1. Rationalisation of Late fee for Annual Return: Presently, late fee of Rs 200 per day (Rs 100 CGST + Rs 100 SGST), subject to a maximum of 0.5% of the turnover in the State or UT (0.25% CGST + 0.25% SGST), is payable in case of delayed filing of annual return in FORM GSTR-9. The Council recommended to rationalise this late fee for delayed filing of annual return in FORM GSTR-9 for FY 2022-23 onwards, for registered persons having aggregate turnover in a financial year upto Rs 20 crore, as below:
    • Registered persons having an aggregate turnover of up to Rs. 5 crores in the said financial year: Rs 50 per day (Rs 25 CGST + Rs 25 SGST), subject to a maximum of an amount calculated at 0.04 per cent. of his turnover in the State or Union territory (0.02% CGST + 0.02% SGST).
    • Registered persons having an aggregate turnover of more than Rs. 5 crores and up to Rs. 20 crores in the said financial year: Rs 100 per day (Rs 50 CGST + Rs 50 SGST), subject to a maximum of an amount calculated at 0.04 per cent. of his turnover in the State or Union territory (0.02% CGST + 0.02% SGST).

 

  1. Amnesty in respect of pending returns in FORM GSTR-4, FORM GSTR-9 and FORM GSTR-10: To provide relief to a large number of taxpayers, the Council recommended amnesty schemes in respect of pending returns in FORM GSTR-4, FORM GSTR-9 and FORM GSTR-10 by way of conditional waiver/ reduction of late fee.

 

  1. Rationalization of provision of place of supply of services of transportation of goods: Council recommended to rationalize the provision of place of supply for services of transportation of goods by deletion of section 13(9) of IGST Act, 2017 so as to provide that the place of supply of services of transportation of goods, in cases where location of supplier of services or location of recipient of services is outside India, shall be the location of the recipient of services.

 

Note: The recommendations of the GST Council have been presented in this release containing major item of decisions in simple language for information of the stakeholders. The same would be given effect through the relevant circulars/ notifications/ law amendments which alone shall have the force of law.

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